संजीवनी बन गयी है प्राण वायु जीने की आस जगा रही है जिंदगी l संजीवनी बन गयी है प्राण वायु जीने की आस जगा रही है जिंदगी l
सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान। सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान।
मैं भारत से आया हूँ संग संस्कृति लाया हूँ जिसका नाम है योग जिससे अब परिचित होंगे सब लोग मैं भारत से आया हूँ संग संस्कृति लाया हूँ जिसका नाम है योग जिससे अब परिचित होंगे...
उसी सिस्टम का हम भी हिस्सा हैं। उसी सिस्टम का हम भी हिस्सा हैं।
संजीवनी है शक्ति मन और आत्मा में छिपी। संजीवनी है शक्ति मन और आत्मा में छिपी।
जो मन के तम को हर डाले उसे बात निराली कहते हैं। जो मन के तम को हर डाले उसे बात निराली कहते हैं।